Monday, May 21, 2012

गुजारिश

गुजारिश गुजारिश,यारो लम्हा-लम्हा
मौज में गुजरे
कोशिश ऐसी हो यारो ...........
याद है  वक्त है कम
कहने और करने को
बहुत कुछ
विरोध के बवंडर
जवां है यारो ...............
जाति -धर्म के संघर्ष
लूट-घूस की धमाचौकड़ी
माया मोह के काम हजारो
दिल को मिले सकूं
दुनिया में रहे निशान प्यारे .....
ऐसे काम के पड़ताल करो
उम्र बैंक में जमा खजाना तो नहीं  
सूद मिलाने की ना कोई गुंजाईश
झाड दो पल्ला
नफ़रत रंजिश,साजिश
उंच -नीच के भेद से
ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा
न सताए गम कोई
बढ़ जायेगी उम्र
जब तक चमकेगा सूरज चाँद
बस यही गुजारिश
सदप्यार  बांटते रहो  यारो ......नन्द लाल भारती ......22.05.2012

Sunday, May 20, 2012

हिसाब ....

हिसाब ....
कामयाबी में कोई
हीरे-मोटी की ईंटे तो नहीं
जुड़ सकी
गफलत -रंजिश-मलाल
शरंडो का अत्याचार
खला करेगा जीवन भर
उम्मीद है जीवन है तो
बसंत का झोका भी है
श्रम और पसीने से
विहसा कर्मपथ
हाशिये के आदमी
शोषित वंचित की पूँजी होती है
शोषित-उत्पीडित पद-दौलत की
मंजिले नहीं खड़ी कर पाता
योग्यता-समर्पण और त्याग के बाद भी
दोषी हाशिये का आदमी नहीं
दोषी तो वे है जो
आदमी को अछूत
और
दीन बनाये की ठान रखे है
मानता है ,जानता है ,पहचानता है
दोयम दर्जे का  आदमी
उसकी नाकामयाबी-बर्बादी
चेहरा बदलने वालो का
दिया दहकता दर्द है ..
सवाल और मांग कर-कर
थक चुका
श्रमेव जयते परेशान हो रहा है
तरक्की से दूर फेंका पड़ा है
हाशिये का आदमी 
यकीन और बाजुओ पर विश्वास है
शोषित आदमी को
बदलता हुआ आज
कल जरूर मांगेगा
चेहरा बदलने वालो से
कैद नसीब का हिसाब ...........नन्द लाल भारती २१.०५.२०१२