Wednesday, September 23, 2015

ओल्डएज होम/कविता

ओल्डएज होम/कविता 
अरे नव जवानो धर्म-कर्म काण्ड त्यागो 
धरती के जीवित भगवान को पहचानो 
ओल्डएज होम का पता पूछना उनका 
तुम्हारी उड़ान पर सवाल खड़ा कर रहा है 
धरती का भगवान क्यों बेघर हो रहा है ……
कापते हाथ,आँखों में अँधियारा,
लूटाया जीवन का बसंत तुम्हारे लिए
वही नाथ अनाथ हो रहा है
दर्द में जीया,स्वर्णिम भविष्य सीया
किस गुनाह की सजा ,
धरती का भगवान छाँव ढूढ़ रहा है ……
कितने हो गए मतलबी ,
पत्थर के सामने सिर पटकते अब
जीवित भगवान बोझ लग रहा है ,
घुटने बेदम लिए
वही शाम ढले सहारा खोज रहा है ……
जाए कहा लाचार कब्र में पाँव लटकाये
ओल्डएज होम का पता पूछ रहा है
ये उड़ान , ऊॅंचा मचान देंन किसकी
श्रम से बोया लहू से सींचा ये मुकाम किसका
स्वार्थ के सौदागरों सोचो जरा
क्या गुनाह, वही भगवान बेबस आज
दर्द का जहर पी रहा है ……
धरती के जीवित भगवान माँ-बाप
मान दो सम्मान दो,ढलती शाम में ,
भरपूर छाँव दो ,
वक्त पुकार रहा है
नव जवानो धरती के भगवान को पहचानो
ना खोजे ओल्डएज होम का सहारा वे
खा लो कसम ,ना हो
धरती के भगवन का निष्कासन
वक्त धिक्कार रहा है
ये अदना गुहार कर रहा है……
डॉ नन्द लाल भारती 23 .09. 2015

Saturday, September 5, 2015

दर्द /कविता

दर्द /कविता 
दर्द दांत का अकेला नहीं होता 
सिर्फ दांत में 
कैद कर लेता है पूरा बदन 
दर्द दांत का, छेद डालता है 
खूनी खंजर के  जख्म जैसे 
नाक ,कान ,आँख 
ऐठन डाल देता है 
गर्दन में ………… 
झूठ नहीं सच है 
दर्द भोगने वाले जानते है  
काया काँप उठती है 
अतड़िया तड़प उठती है 
दांत के दर्द में ………… 
छीन जाता है सकून 
पेट में भूख का 
झोंका उठता रहता है 
दांत इजाजत नहीं देते 
जब होता है दर्द दांत में ……
होती है तो बस जदोजहद 
ज़िन्दगी पतझड़ हो जाती 
बसंत में भी 
पलके  रिसने लगती  है 
जब जब उठता है 
दर्द दांत  में …………
सच ऐसे ही दर्द का ,
जीवन हो गया है 
हाशिये के आदमी का 
स्नेह का झोंका तनिक 
सकून दे जाता है 
दर्द में कैद  आदमी को …………
उपचार जब  मिल जाता है 
बेपटरी ज़िंदगी 
पटरी पर दौड़ पड़ती है 
काश 
भारतीय समाज में 
जातिवाद से उपजे 
भयावह दर्द का
पुख्ता इलाज हो जाता …………
हाशिये के आदमी का 
जीवन हो जाता सफल-समान 
दौड़ पड़ता अदना भी 
विकास के पथ पर सरपट 
जातिवाद रूपी 
दांत के दर्द की कैद से छूटकर  
सदियों से जो दर्द 
पालथी मार बैठा है
भारतीय समाज में …………
डॉ नन्द लाल भारती 01.09. 2015