बेटी का रिश्त/लघुकथा
आईये पंडित जी। बहुत खुश लग रहे है। कैसा लगा घर -वर ?
घर-वर ठीक हैं। लड़की का लड़के से सत्ताईस गुण मिल रहे है।
बधाई पंडित जी। ब्याह की तयारी करो।
तनिक और सोचना पड़ेगा।
लड़का एम बी ए है ,नौकरी कर रहा है। वर्णिक आरक्षण की भरपूर सुविधा का उपभोग भी मिल रहा है । अब क्या सोचना पंडित जी।
और भी अच्छा रिश्ता घर के पास आगरा से आ रहा है। लड़का बी एस सी है । जूते के थोक व्यापार का जमा जमाया धंधा है। रोज लाखो की आवक है। बिटिया सुखी रहेगी।
क्या कह रहे हो पंडित जी महाराज कल तो दफ्तर के उच्च वर्णिक सफाई कर्मचारी के नाम पर उल्टी आ रही थी । धर्म भ्रष्ट हो रहा था ।आज जूता व्यापारी के घर बेटी का रिश्ता…?
डॉ नन्द लाल भारती 09 .12 .2014
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