ऐ सर नावाने वालो सोचो जरा
जय -जयकार किसकी क्यों कर रहे हो
शान में किसकी स्व-मान गँवा रहे हो-------
यहाँ कहा होगी दुआ कबूल तुम्हारी
चौखट ऐसी जहां गैर के हक़ के,
लूट की मारामारी ........
सर नवाने की जिद है क्यों ठानी
अमानत भी ना रह पायेगी
महफूज तुम्हारी ...........
सर नवाने की कसम खा ली है
तुमने अगर
भगवान ,गॉड ,खुदा की दर पर
दस्तक दिया कर .......
वही ठाँव एक जहां होगी
दुआ कबूल तुम्हारी ......
मन हो साफ़ उद्देश्य हो नेक तुम्हारा
जीवन,आदमी ,चरित्र ,राष्ट्र और
जगत निर्माण तुम्हारा ...
कर्म में न हो खोट तुम्हारी
न करना कभी देश और गरीब की
हिय पर चोट दुधारी ....
चेहरा बदल-बदल कर डंसने वालो की
चौखट पर माथा से जीवन हुआ तबाह
ना मिली मंजिले
ऐसा लेले कसम जगत प्यारे
सद्कर्म-फ़र्ज़-आदमियत हो
बसी जेहन तुम्हांरे ........
इमान की गठरी मज़बूत हो सिर तुम्हारे
व्यवहार में बसी रहे
जीओ और जीने दो की बयार
धन का भले ना जोड़ सको पहाड़
तुम्हारे नाम वक्त के आरपार
बरसता रहेगा प्यार ......
ऐ सर नवाने वालो सोचो जरा
शान में किसकी सर नवा रहे हो
जान जाओ पहचान जाओ तुम
ऐ सर नावाने वालो सोचो जरा
जय -जयकार किसकी क्यों कर रहे हो
शान में किसकी स्व-मान गँवा रहे हो-------
यहाँ कहा होगी दुआ कबूल तुम्हारी
चौखट ऐसी जहां गैर के हक़ के,
लूट की मारामारी ........
सर नवाने की जिद है क्यों ठानी
अमानत भी ना रह पायेगी
महफूज तुम्हारी ...........
सर नवाने की कसम खा ली है
तुमने अगर
भगवान ,गॉड ,खुदा की दर पर
दस्तक दिया कर .......
वही ठाँव एक जहां होगी
दुआ कबूल तुम्हारी ......
मन हो साफ़ उद्देश्य हो नेक तुम्हारा
जीवन,आदमी ,चरित्र ,राष्ट्र और
जगत निर्माण तुम्हारा ...
कर्म में न हो खोट तुम्हारी
न करना कभी देश और गरीब की
हिय पर चोट दुधारी ....
चेहरा बदल-बदल कर डंसने वालो की
चौखट पर माथा से जीवन हुआ तबाह
ना मिली मंजिले
ऐसा लेले कसम जगत प्यारे
सद्कर्म-फ़र्ज़-आदमियत हो
बसी जेहन तुम्हांरे ........
इमान की गठरी मज़बूत हो सिर तुम्हारे
व्यवहार में बसी रहे
जीओ और जीने दो की बयार
धन का भले ना जोड़ सको पहाड़
तुम्हारे नाम वक्त के आरपार
बरसता रहेगा प्यार ......
ऐ सर नवाने वालो सोचो जरा
शान में किसकी सर नवा रहे हो
जान जाओ पहचान जाओ तुम
मंजिले और भी है
सद्कर्म की राह पर निकल पड़ो तुम--------------डाँ नन्द लाल भारती ....12.01.2013
जय -जयकार किसकी क्यों कर रहे हो
शान में किसकी स्व-मान गँवा रहे हो-------
यहाँ कहा होगी दुआ कबूल तुम्हारी
चौखट ऐसी जहां गैर के हक़ के,
लूट की मारामारी ........
सर नवाने की जिद है क्यों ठानी
अमानत भी ना रह पायेगी
महफूज तुम्हारी ...........
सर नवाने की कसम खा ली है
तुमने अगर
भगवान ,गॉड ,खुदा की दर पर
दस्तक दिया कर .......
वही ठाँव एक जहां होगी
दुआ कबूल तुम्हारी ......
मन हो साफ़ उद्देश्य हो नेक तुम्हारा
जीवन,आदमी ,चरित्र ,राष्ट्र और
जगत निर्माण तुम्हारा ...
कर्म में न हो खोट तुम्हारी
न करना कभी देश और गरीब की
हिय पर चोट दुधारी ....
चेहरा बदल-बदल कर डंसने वालो की
चौखट पर माथा से जीवन हुआ तबाह
ना मिली मंजिले
ऐसा लेले कसम जगत प्यारे
सद्कर्म-फ़र्ज़-आदमियत हो
बसी जेहन तुम्हांरे ........
इमान की गठरी मज़बूत हो सिर तुम्हारे
व्यवहार में बसी रहे
जीओ और जीने दो की बयार
धन का भले ना जोड़ सको पहाड़
तुम्हारे नाम वक्त के आरपार
बरसता रहेगा प्यार ......
ऐ सर नवाने वालो सोचो जरा
शान में किसकी सर नवा रहे हो
जान जाओ पहचान जाओ तुम
ऐ सर नावाने वालो सोचो जरा
जय -जयकार किसकी क्यों कर रहे हो
शान में किसकी स्व-मान गँवा रहे हो-------
यहाँ कहा होगी दुआ कबूल तुम्हारी
चौखट ऐसी जहां गैर के हक़ के,
लूट की मारामारी ........
सर नवाने की जिद है क्यों ठानी
अमानत भी ना रह पायेगी
महफूज तुम्हारी ...........
सर नवाने की कसम खा ली है
तुमने अगर
भगवान ,गॉड ,खुदा की दर पर
दस्तक दिया कर .......
वही ठाँव एक जहां होगी
दुआ कबूल तुम्हारी ......
मन हो साफ़ उद्देश्य हो नेक तुम्हारा
जीवन,आदमी ,चरित्र ,राष्ट्र और
जगत निर्माण तुम्हारा ...
कर्म में न हो खोट तुम्हारी
न करना कभी देश और गरीब की
हिय पर चोट दुधारी ....
चेहरा बदल-बदल कर डंसने वालो की
चौखट पर माथा से जीवन हुआ तबाह
ना मिली मंजिले
ऐसा लेले कसम जगत प्यारे
सद्कर्म-फ़र्ज़-आदमियत हो
बसी जेहन तुम्हांरे ........
इमान की गठरी मज़बूत हो सिर तुम्हारे
व्यवहार में बसी रहे
जीओ और जीने दो की बयार
धन का भले ना जोड़ सको पहाड़
तुम्हारे नाम वक्त के आरपार
बरसता रहेगा प्यार ......
ऐ सर नवाने वालो सोचो जरा
शान में किसकी सर नवा रहे हो
जान जाओ पहचान जाओ तुम
मंजिले और भी है
सद्कर्म की राह पर निकल पड़ो तुम--------------डाँ नन्द लाल भारती ....12.01.2013
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