उध्दार दिवस /कविता
( अम्बेडकर जयंती विशेष )
बाबा तेरा आना हो गया मंगलकारी
जय भीम संस्कार दुआ सलाम हितकारी
टूट गया जाति भेद का किला भयावह ,
आज़ाद कैद नसीब निखार आया ,
शोषित कर्मवीर श्रमवीर उठ खड़ा हुआ
छाती तान है बोला
इंसान सच्चे संस्कृति प्रकृति ,
देश की सांस ,सांस हमारी
बाबा तेरा आना हुआ मंगलकारी……।
बाबा तेरा आना हुआ मंगलकारी……।
बाबा तेरा प्रताप नोचे पर पाये
उड़ान भरने को आगे-आगे धाए
संविधान श्रेष्ठ राष्ट्र धर्म ग्रन्थ हमारा ,
शोषित और आधी आबादी का,
स्व-मान बढ़ाया
स्व-मान बढ़ाया
बाबा तेरा संघर्ष हुआ कल्याणकारी
बाबा तेरा आना हुआ मंगलकारी…………………
बाबा तेरा आना हुआ मंगलकारी…………………
बाबा तुम ना होते तो ,
जातिभेद का चक्रव्यूह कैसे टूटता ?
अपनी जहां में होते बेगाने परिंदे ,
शोषण ,जुल्म ,अत्याचार ,दहकता दर्द ,
अपमान ही मिलता
शोषितो का उत्थान नारी को सम्मान
बाबा तेरे संघर्ष की नेक कमाई
उध्दार दिवस चौदह अप्रैल
डॉ भीम राव अम्बेडकर जयंती
शोषित जन बांटे मन-मन भर बधाई
राष्ट्र गौरान्वित विश्व हर्षाया
चौखट -चौखट छाई उजियारी
जय भीम संस्कार दुआ सलाम हितकारी
जय भीम संस्कार दुआ सलाम हितकारी
बाबा तेरा आना हो गया मंगलकारी …………
डॉ नन्द लाल भारती 12 .04 2014.
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