हक़ लूटने वालो
ये आंसू देने वालो
तुम्हे क्या मिलेगा
मिल भी गया तो
लेकर जाओगे कहाँ
अरे पराये के आंसू
से कड़ी फसल
जवान सपने
उजाड़ना ना देगा सकूँ
भले देख देख खुश होते रहो
दूसरे के हक़ कि लूटी मोती
इत्मीनान से सोच लेना
एक दिन सच्चे मन से
कमजोर का हक़
लूटने लूटाने का क्या मिला
खनकते सिक्के या ऊँचा ओहदा
बददुआ गरीब के कभी
बेकार नहीं ज़ाती
ले डूबती है
जन्म जन्मान्तर की
थाती
बुझ ज़ाती है कुल की बाती
याद रख धोखेबाज
छल-कपट -भेद-विष बीज
बो कर
कमजोर का हक़ लूटने वालो
दूसरे के हक़ कि लूटी मोती
कई जन्मो तक
पड़ती रहेगी भारी
पीढिया तेरे किये पर रहेगी रोती......................नन्द लाल भारती .....१८.११.२०११
Friday, November 18, 2011
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