बदला है इतिहास
चढ़ गए
तरक्की की छाती
नसीब लूटने वाले
कहते हैं
बुरी नाजर वाला
तेरा मुंह काला
हो रहा उल्टा
डूब रहा पसीने से
जहां सींचने वाला
तरक्की बसी द्वार उनके
ठग जो
पसीने से ना हुआ
साक्षात्कार जिसका
कमजोर हाडफोड़ रहा जो
पसीने की रोटी
आंसू में डुबो कर
बसर कर रहा जो
किस्मत विरान
भूख-भय -भेद के दहकते
अंगारे
आस कल लागे सुहाना
श्रम के बीज आंसू से सींचे
होगी उम्मीद की खेती
भरपूर
आयेगी तरक्की
कमजोर के द्वार
श्रम जिसका स्वाभिमान
श्रमेव जयते
बदला है इतिहास
बढ़ा है मान ............नन्द लाल भारती ....०२.०९.२०१२
चढ़ गए
तरक्की की छाती
नसीब लूटने वाले
कहते हैं
बुरी नाजर वाला
तेरा मुंह काला
हो रहा उल्टा
डूब रहा पसीने से
जहां सींचने वाला
तरक्की बसी द्वार उनके
ठग जो
पसीने से ना हुआ
साक्षात्कार जिसका
कमजोर हाडफोड़ रहा जो
पसीने की रोटी
आंसू में डुबो कर
बसर कर रहा जो
किस्मत विरान
भूख-भय -भेद के दहकते
अंगारे
आस कल लागे सुहाना
श्रम के बीज आंसू से सींचे
होगी उम्मीद की खेती
भरपूर
आयेगी तरक्की
कमजोर के द्वार
श्रम जिसका स्वाभिमान
श्रमेव जयते
बदला है इतिहास
बढ़ा है मान ............नन्द लाल भारती ....०२.०९.२०१२
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