खून के बदले /कविता
खून के बदले मिली आजादी
पल में रुलाये,पीला में हंसाये
इन्कलाब,वन्दे मातरम ,
भारत माता के शहीद पुत्रो की
याद दिलाये, जोश जगाये
खाए छाती पर गोली,लटके फांसी
काल के गाल पर छाये
खून के बदले मिली आजादी
पल में रुलाये,पल में हंसाये। ………………
टूटे सपने ,सूनी मांगे,भरी आँखे
रह गयी आस लगाए
वीर देश के सच्चे सपूत
फिर लौटकर ना आये
दीवानों के कुर्बानी अपनी आज़ादी
कसम अपनी जहां वालो
कुर्बानी की कीमत छाती से लगाए
खून के बदले मिली आजादी
पल में रुलाये,पल में हंसाये। ……………… …
खुशहाली आजादी के जो
सूरज चाँद सितारे
भारत माता के वीर शहीद थमाये
युग बदाल बदल गये मायने
आतंकी पड़ोसी टाक-झांक लगाए
सावधान उनसे भी जो कहने को
जन -राष्ट्र की सम्पदा लुटे खाए
देशद्रोही वे ,उन्हें सबक सीखाये
खून के बदले मिली आजादी
पल में रुलाये,पल में हंसाये। ………………
प्रांतवाद ,जातिवाद ,धर्मवाद ना सींचे
दुश्मन आँख दिखाए आँखे खींचे
मत पाकर मतवाले हुए जो
अपने मत पर आंके
ऐसी कसम निभाये
आजादी अपनी जान से प्यारी
आंच ना कोई आये
माता मातृभूमि और राष्ट्रभाषा का
मान बढ़ाये
खून के बदले मिली आजादी
पल में रुलाये,पल में हंसाये। ……………… डॉ नन्द लाल भारती 10.08.2013
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