बदायूँ रेप काण्ड पर प्रतिक्रिया /
अरे नर-पिशाचों होश में आओ ,तुम्हारी भी तो होगी ,
माँ -बहन-बेटियां तो ,
गैर-दलित बहन-बेटियों का
चीर-हरण -शील भंग क्यों रे
नर-पिशाचों …… ?
बोटियों और बेटियो की
आबरू से खेलने वालो
नर-पिशाचों दहशत ना फैलाओ।
समाजवाद -रक्षक की चादर ओढ़े
खूनी लोगो
ना खेलो गैर-दलित बहन-बेटियों की
आबरू से
ना नफ़रत ,ना आतंक ना जातिवाद का
जहर फैलाओ
जहर फैलाओ
अरे नर-पिशाचों होश में आओ.
देश की जान, पहचान
दलित समाज ,सोया है जग जाएगा ,
दलित समाज ,सोया है जग जाएगा ,
बहन-बेटियो की शील भंग का
दहकता घाव
दहकता घाव
लहू की बौझार मारकर ना जगाओ।
अरे दलित मसीहाओं कहाँ हो ,
आगे आओ ताल ठोंक कर दिखाओ ,
विकास,हक़ , मानवीय समानता का ,
अधिकार था बाधित अब तक
अब तो लूटी जा रही बहन-बेटियो की आबरू ,
लूट कर आबरू लटका दी जा रही
फांसी के फंदो पर ,
अरे तथाकथिर मसीहाओं
बहुत हुआ दमन, मान दहन, विषपान
अब तो जबान के ताले तोड़कर दिखाओ
बहुत हुआ दमन, मान दहन, विषपान
अब तो जबान के ताले तोड़कर दिखाओ
नर पिशाचों से जंग जीतकर दिखाओ ,
अरे नर-पिशाचों होश में आओ...........
डॉ नन्द लाल भारती ३० मई २०१४
डॉ नन्द लाल भारती ३० मई २०१४
No comments:
Post a Comment