श्रम बीज मरते नहीं
सच लगाने लगा है
श्रम बीज मरते नहीं
हारते नहीं
पत्थरीली जमीं हो
या उपजाऊँ
चाहे पत्थर दिल आदमी
या नरम दिल आदमी
श्रम का सच जीवित रहता है
हर दिल हर जमीन में
श्रम की महिमा का कोई
बखान करता है
कोइ रहता है मौन
उपजाऊँ या पत्थरीली जमींन की तरह
लेकिन श्रम बीज पराजित नहीं होता
होगा भी तो कब तक
एक दिन विजेता होगा
जनता है संघर्षो में जीवन है
संघर्षो से राह मिलेगी
संघर्षो से हक
बढ़ने का सांस भरने का
सच श्रम बीज हारते नहीं
जीतते है
और लौटते है
अथाह खुशियाँ लेकर .........नन्द लाल भारती ..15.10.2012
सच लगाने लगा है
श्रम बीज मरते नहीं
हारते नहीं
पत्थरीली जमीं हो
या उपजाऊँ
चाहे पत्थर दिल आदमी
या नरम दिल आदमी
श्रम का सच जीवित रहता है
हर दिल हर जमीन में
श्रम की महिमा का कोई
बखान करता है
कोइ रहता है मौन
उपजाऊँ या पत्थरीली जमींन की तरह
लेकिन श्रम बीज पराजित नहीं होता
होगा भी तो कब तक
एक दिन विजेता होगा
जनता है संघर्षो में जीवन है
संघर्षो से राह मिलेगी
संघर्षो से हक
बढ़ने का सांस भरने का
सच श्रम बीज हारते नहीं
जीतते है
और लौटते है
अथाह खुशियाँ लेकर .........नन्द लाल भारती ..15.10.2012
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