आदमी का आदमी से जुड़े मन
मुझे लगाने लगा है
कल भी अकेला था ,भरी जहां में
आज भी हूँ अकेला ,भान है मुझे
कई जीवित सबूत है ...............
खौफ़ में जीना आदत हो गयी है
आंसू पीना मज़बूरी
चहरे बदलते लोग
नरपिशाच लगने लगे है
दुर्भाग्य अपना
पल-पल रूप बदलते लोग
खुद मसीहा बनने लगे है ..............
जातिवाद,भूमिहीनता अभिशाप
क्षेत्रवाद ,गरीबी भ्रष्टाचार
चेहरा बदलने वालो का दिया है
दहकता दर्द ........
विज्ञानं का युग है
हर चीज के प्रमाण है
दुर्भाग्य अमानक व्यवस्था
मानक मान ली गयी है
यही डकार रही है
शोषित वंचित आदमी का
आदमी होने का सुख .........
सच लगाने लग है
आदिम व्यस्था तरक्की की बाधक है
विरोध का करे
शोषित आदमी कल भी अकेला था ,
आदमी द्वारा दी गयी दुःख की गठरी ढ़ोता
कर्मवीर नसीब पर रोता
कल ना हो ऐसा
आओ संघे शक्ति का करे प्रदर्शन
आदमी का आदमी से जुड़े मन .....नन्द लाल भारती-------------13.10.2012
मुझे लगाने लगा है
कल भी अकेला था ,भरी जहां में
आज भी हूँ अकेला ,भान है मुझे
कई जीवित सबूत है ...............
खौफ़ में जीना आदत हो गयी है
आंसू पीना मज़बूरी
चहरे बदलते लोग
नरपिशाच लगने लगे है
दुर्भाग्य अपना
पल-पल रूप बदलते लोग
खुद मसीहा बनने लगे है ..............
जातिवाद,भूमिहीनता अभिशाप
क्षेत्रवाद ,गरीबी भ्रष्टाचार
चेहरा बदलने वालो का दिया है
दहकता दर्द ........
विज्ञानं का युग है
हर चीज के प्रमाण है
दुर्भाग्य अमानक व्यवस्था
मानक मान ली गयी है
यही डकार रही है
शोषित वंचित आदमी का
आदमी होने का सुख .........
सच लगाने लग है
आदिम व्यस्था तरक्की की बाधक है
विरोध का करे
शोषित आदमी कल भी अकेला था ,
आदमी द्वारा दी गयी दुःख की गठरी ढ़ोता
कर्मवीर नसीब पर रोता
कल ना हो ऐसा
आओ संघे शक्ति का करे प्रदर्शन
आदमी का आदमी से जुड़े मन .....नन्द लाल भारती-------------13.10.2012
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