छोटी-छोटी कविताये
प्रकृति से किया जो प्रेम
सच है माँ बाप ,
संत वाणी अथक साधना
प्रकृति से किया जो प्रेम
ईश्वर के प्रति ,
आस्थावान कहा जाए ,
घर-मंदिर के लिए बहा
पसीना जो
पसीना जो
राष्ट्र निर्माण के काम आये वो ,
परिश्रमी ऐसा
राष्ट्र सेवक कहा जाये ,
विद्या से जुड़ा जब
निखरा श्रम ,
कर्म को मिली पहचान ,
उज्जवल ,
ईश्वर ,परिश्रम और विद्या
श्रेष्ठ उन्नति के
धवल निशान ,
परिश्रम संग जब निष्ठां
त्याग और सद्भाव मिले
त्याग और सद्भाव मिले
परिश्रमी हो जाते
देवतुल्य पूज्य महान………डॉ नन्द लाल भारती 06 .09 . 2013
सच है माँ बाप ,
धरती के भगवान,
सेवा जिनकी ईश,
आराधना समान ,
मानव जीवन में
जवानी मतलब
उम्र का उत्कर्ष ,
जीवन का उत्थान
आदमी बन सकता
अराध्य श्रेष्ठ महान। …….
डॉ नन्द लाल भारती 06 .09 . 2013
डॉ नन्द लाल भारती 06 .09 . 2013
सचमुच मानव जीवन
सर्वोत्तम ,
मामूली नर भी
हो सकता नरोत्तम ……
हो सकता नरोत्तम ……
सुना है देवताओ को भी
होती है ताक ,
पाने को मानव जीवन,
माँ बाप और जवानी
मिलते जीवन में बस
एक बार ,
समझ गया जो नर
रहस्य इनका
धन्य हुआ जीवन उसका
गूंजी सफल गाथा
गूंजी सफल गाथा
वक्त के आरपार …….
डॉ नन्द लाल भारती 06 .09 . 2013
बात पते की रखना है
हरदम याद ,
अतीत की चिंता क्यों करना……?
बीते को विसारते रहना ,
कल क्या होगा ,कुछ नहीं पता ,
कल को लेकर क्यों बैठना …?
भविष्य होगा सुखद ,
अंधभक्त ना है बनाना………
श्रमेव जयते, कर्म पूजा ,
वर्तमान ना जाने पाए
बेकार……
पकड़ में आ गयी
जब बाते ये अनमोल ,
जब बाते ये अनमोल ,
सच मानो सपने हुये साकार।
डॉ नन्द लाल भारती 05 .09 . 2013
डॉ नन्द लाल भारती 05 .09 . 2013
संत वाणी अथक साधना
राह दिखावे ,वक्त सुनाये ,
वचन अनमोल सुहाने ,
किये अनुसरण जो
वक्त के आरपार गए
पहचाने …………
रोगी ,दुखी और
आदमी द्वारा बनायी
छोटी जाति के लोगो की ओर
छोटी जाति के लोगो की ओर
जो हाथ बढ़ाये
वक्त गवाह
मानव वही देवदूत कहलाये। …….
डॉ नन्द लाल भारती 04 .09 . 2013
परायी दुनिया
लोग पराये
परायी दुनिया
लोग पराये
दर्द तो मिलेगा ,
जीवन में जिसे
कुछ ना मिला
कुछ ना मिला
उसे मरकर कर
क्या मिलेगा ,
क्या मिलेगा ,
जिसके जीवन का
लूट गया हो मधुमास
लूट गया हो मधुमास
जी रहा हो जो
उम्मीद की सांस
उम्मीद की सांस
सच दुनिया में यारो
रंज-दर्द -ए -गम हजार है
सच्चा फ़रिश्ता जो
पीकर जहर
पीकर जहर
बो रहा हो सदाचार है ,
खुशनसीब है वही
परायी दुनिया में
मिल रहा है जिन्हें सद्प्यार…………………।
मिल रहा है जिन्हें सद्प्यार…………………।
डॉ नन्द लाल भारती 03.09 . 2013
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