कर्मयोगी हार नहीं मान सकता
हर हार के बाद खड़ा हो जाता है
जीत के लिए
कर्मयोगी हार नहीं मान सकता ............
भले ही दबंग
रुध्दिवादिता के पोषक
अहंकारी लोग करते रहे
हकों का अतिक्रमण
हस्ती मिटने का प्रयास भी
कर्मयोगी को कोइ
हरा नहीं सकता .....................
फर्ज पर कुर्बान होने वाला
सद्भावना-एकता -समता की राह
चलने वाला
कर्मयोगी कमजोर हो नहीं सकता
कर्मयोगी कभी हार नहीं सकता .............नन्द लाल भारती २२.01.2012
Sunday, January 22, 2012
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