शत-शत नमन उन्हें
कर दिया न्यौछार
जीवन जिन्होंने
मानवता के लिए............
सहे दर्द,ढ़ोते रहे
मुसीबतों के बोझ
बेहतर दुनिया के लिए
शत-शत नमन उन्हें.............
खुद की खुशियों की ना की
परवाह
बुराईयों को ख़त्म करने के
ढूढते रहे उपाय
खुद का जीवन जिए
कमजोर,शोषित,पीड़ित
वंचितों के लिए
शत-शत नमन उन्हें...............
वंचितों के चहरे पर जो
तनिक मुस्कान
मानवतावादियों के बलिदान की
उजली दास्तान
देव तुल्य वे वन्दन में उठते
हाथ उनके
शत-शत नमन उन्हें.........
दायित्व हमारा भी अब भारी
जियें उनका संकल्प
जो जिए-मरे
मानवता-एकता-समता के लिए
शत-शत नमन उन्हें..........नन्दलाल भारती १.३.2012
Wednesday, February 29, 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment