Tuesday, July 10, 2012

 नसीब

नसीब एक बहाना ठगने का
रुढीवादिता की खुराक
संतोष की सांस भी
अम्रित वचन
दर्द सहने  का  शाब्दिक उपचार
ठीक वैसे ही
जैसे
माँ बाप का सिर पर हाथ
या
किसी शुभ चिन्तक के मीठे बोल
यही है नसीब का तिलिसिम
जिससे मिलता है
आत्मसंतोष -सुख
जीवन में रंग भरने की उमंग
और
कर्मपथ पर चलते रहने की ताकत
जिसे हम मान बैठे हैं
नसीब ...................नन्द लाल भारती ११.०७.२०१२
 

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