Saturday, November 2, 2013

। हे दीप मालिके ।।

हे दीप मालिके
हे दीप मालिके ,
दीये की रोशनी हर ले ,
अपनी जहां का हर अँधियारा,
हर दिल हो जाए रोशन धरा बसंतमय अपनीयही कर जोड़  कामना हे दीप मालिके कबूल करो आराधना। शोषित ,वंचित ,दीन के विरान में जाए स्वर्णिम उजियारा यही अदने की कामना हे दीप मालिके राष्ट्र-जन हित में ,कबूल करो आराधना। धन-वैभव क्या मांगू तुमसे ,
ज्ञान-ध्यान तन-मन की शक्ति देना हाथ फैले जब-जब ,परमार्थ की शक्ति भर देना
अदना का जीवन बना रहे दीप यही अदने की कामना हे दीप मालिके कबूल करो आराधना। दिल से उठता रहे ,नेक उजियारा अपनी जहाँ में
ना टिके कोई  अँधियारा

पूजा-थाल समान  ह्रदय अर्पण ,
मोती -हार पुष्प-माल स्वरुप ,
स्वीकार करो ,
शब्द माल का समर्पण
उजास जीवन साध
यही मनोकामना
हे दीप मालिके  कबूल करो आराधना। डॉ नन्द लाल भारती 03. 1 1 . 2013

= दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं =

= दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं =
हे दीप मालिके तेरा स्वागत,
 अभिनंदन
तेरी आगवानी में बिछी पलकें ,
तेरा वंदन।
अपनी  जहाँ में बरसे खुशियाँ
 हर  घर आंगन,
दीनता हो कोसो दूर,
हर दिल बसे  स्वर्णिम सद्भावना ,
जातिवाद अ ब  ना
समता की उपजे हर दिल सदभावना ,
दुनिया जाने
जातिवाद कुचला है मनोकामना,
दीप मालिके मिट जाए
अपनी जहां से  हर तम,
अपनी जहॉ में दीप मालिके,
 तेरा आना मंगलमय हो ,
तेरा अभिनंदन दीप मालिके
पूरी होवे  मनोकामना।
डॉ नन्द लाल भारती 02 . 1 1 . 2013
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1 comment:

  1. दीवाली के शुभ अवसर पर आपकी रचना पड़ी जो बहुत सुन्दर सन्देश देती है हर भारतवासी को.बधाई.

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