Friday, January 20, 2012

बेटी

बेटियों से मत जोड़ो अब
रुढ़िवादी धारणाये
सोच बदल डालो
मिलेगा सकून
धुल जाएगी मेल
एहसास प्रसून सा
देखना......
बेटी जहां की सांस
समझना
बढ़ रही है
क्यों रोकना
बेटी की उड़ान में
स्व-मान देखना...........
भ्रूण हत्या-भेदभाव
दहेज़ दूसरी
और
महामारियों को प्यारे
महापाप समझना
बेटी में शशि ,सूर्य कि ताकत
धरती का उपहार देखना ........नन्द लाल भारती .....२०.०१.२०१२

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