सौदामिनी ॥
हे सौदामिनी तू राम रहीम बुध्द
ईसा की राह चलना,
कुरान,बाइबिल, वेद पुराण
का पाठ करना ।
बुध्दम शरणम गच्छामि
गीता गुरुग्रंथ का बखान करना ,
बहुत हुआ संहार
अब उध्दार के राह चलना ।
दिल की मैल को कर साफ़
सेवा का का भाव रखना ,
ना हार जीत
बस
सद्प्यार की बात करना ।
गीत गाये जमाना
नेकी के ख्वाब हमारा ,
बहुत किया विध्वंस
अब
संकल्प हो तुम्हारा ।
सब धरती माँ के दुलारे
ना रखना बैर भाव मन में ,
नेक कर्म की मधुर धुन
छोड़ दो
धरती गगन में ।
हे सौदामिनी
कल्याण बसंत बहार
लेकर आना ,
सर्व एकता की चले बयार
तुम नव चेतना का
बिगुल बजाना ।
हे सौदामिनी
कर दे उपकार
ढीठ बुराईया हो राख ,
बह उठे तरक्की की
बयार निराली
मिट जाए
हर भूख की आग ।
पुकारता भारती सौदामिनी तुम्हे
आओ
एकता की मीनार बनाए ,
बयारो में सजे
धुन ऐसी हर इंसान
ख़ुशी के गीत गाये ................नन्द लाल भारती
Thursday, December 16, 2010
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