Saturday, September 7, 2013

छोटी-छोटी कविताये

 छोटी-छोटी कविताये 

प्रकृति से किया जो प्रेम

ईश्वर  के प्रति ,
आस्थावान कहा जाए ,
घर-मंदिर के लिए   बहा
पसीना जो
राष्ट्र निर्माण के काम आये वो ,
परिश्रमी ऐसा
राष्ट्र सेवक कहा जाये ,
विद्या से जुड़ा जब
निखरा  श्रम ,
कर्म को मिली पहचान ,
उज्जवल ,
ईश्वर ,परिश्रम और विद्या
श्रेष्ठ उन्नति के
धवल निशान ,
परिश्रम संग जब  निष्ठां
त्याग
और सद्भाव मिले
परिश्रमी हो जाते
देवतुल्य पूज्य महान………डॉ नन्द लाल भारती 06  .09 . 2013  

सच है माँ  बाप   ,
धरती के भगवान,
सेवा जिनकी ईश,
आराधना समान ,
मानव जीवन में
जवानी मतलब
उम्र का उत्कर्ष ,
जीवन का उत्थान
आदमी बन सकता
अराध्य श्रेष्ठ महान। …….
डॉ नन्द लाल भारती 06  .09 . 2013  
सचमुच मानव जीवन
सर्वोत्तम ,
मामूली नर भी
हो सकता नरोत्तम ……
सुना है देवताओ को भी
होती है ताक ,
पाने को मानव जीवन,
माँ बाप और जवानी
मिलते जीवन में बस
एक बार ,
समझ गया जो नर
रहस्य इनका
धन्य हुआ  जीवन उसका
गूंजी सफल गाथा 
वक्त के आरपार …….
डॉ नन्द लाल भारती 06   .09 . 2013  
बात पते की रखना है
हरदम याद ,
अतीत की चिंता क्यों करना……?
बीते को  विसारते रहना ,
कल क्या होगा ,कुछ नहीं पता ,
कल को लेकर क्यों बैठना …?
भविष्य होगा सुखद ,
अंधभक्त ना है बनाना………
श्रमेव जयते, कर्म पूजा ,
वर्तमान ना जाने पाए
बेकार……
पकड़ में आ   गयी
जब बाते ये  अनमोल ,
सच मानो  सपने  हुये  साकार।
डॉ नन्द लाल भारती 05  .09 . 2013  






संत वाणी अथक साधना
राह दिखावे ,वक्त सुनाये ,
वचन अनमोल सुहाने ,
किये अनुसरण जो
वक्त के आरपार गए
पहचाने …………
रोगी ,दुखी और
आदमी द्वारा बनायी
छोटी जाति के लोगो की ओर
जो हाथ बढ़ाये
वक्त गवाह
मानव वही देवदूत कहलाये। …….
डॉ नन्द लाल भारती 04 .09 . 2013  





परायी दुनिया
लोग पराये
 दर्द तो मिलेगा ,
जीवन में जिसे
 कुछ ना मिला
उसे मरकर कर
क्या मिलेगा ,
जिसके जीवन का
लूट गया हो मधुमास
जी रहा हो जो
उम्मीद की सांस
सच दुनिया में यारो
रंज-दर्द -ए -गम हजार है
सच्चा फ़रिश्ता जो
पीकर जहर
बो  रहा हो सदाचार है ,
खुशनसीब है वही
परायी दुनिया में
मिल रहा
है जिन्हें सद्प्यार…………………।
डॉ नन्द लाल भारती 03.09 . 2013  

No comments:

Post a Comment