Tuesday, June 29, 2010

आमजनता

आमजनता ॥
पुलिस को लोग कोसते नहीं थकते
नाकामयाबी गिनाते रहते
सच ही तो लोग कह्ते
रक्षक अब भक्षक है बनते
गुमान से देश-जन सेवक कहते ।
अग्निशमन विभाग पर दोष मढ़ते
आग बुझ जाती तब ये pahoochate
झूठ नहीं लोग सच्चाई बकते
लेटलतीफी से किसी के घर
किसी के दिल jalate
इन्ही सताए क्साये लोगो को
आमजनता कहते है ।
बिजली वाले भी कसम खा लिए है s
दर बढ़ने की जिद पर अड़े रहते है
बिजली चोरी नहीं रोक पाते है
चोरी की सजा सच्चे ग्राहक पाते है
खम्भे से मीटर तक बिजली बहाते है
हो गया फाल्ट करते रहो
शिकायत
वे अंगूठा दिखाते है
प्राइवेट से काम करवा लो
तब वे
सप्पलाई चालू है
की
दस्खत लेने आते है ।
जन सेवक फ़र्ज़ भुलाते जा रहे है
खुद को खुदा मान रहे है
देख हक़ की डकैती
कुफ्त्त हो रही है
sach आमजनता को
ठगने की साजिश
चल रही है ..............नन्दलाल भारती २९-०६-२०१०



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