Friday, September 14, 2012

|| मिलावट भक्षक लगने लगा है||

|| मिलावट भक्षक लगने लगा है||
मिलावट का असर
आदमी पर हावी होने लगा है
रोग दोष से ,ग्रसित रहने लगा है
असर पेट से दिमाग तक
होने  लगा है ,
लूट खसोट,रिश्वत,भ्रष्टाचार का
जहर फैलने लगा है
गैर से बैर बढ़ने लगा है
अपना भी पराया लगने लगा है
आदमी का आदमी से
विश्वास उठने लगा है 
सफेदी में सराबोर आदमी
दिल से काला लगने लगा है
मोहक रूप छलावा लगने लगा है
मिलावट का डंक
जन-धन का दुश्मन बनने लगा है
लहू  दिल में जमने लगा है
आदमी असाध्य रोग के दलदल में
डूबने लगा है
हाय ये मिलावट का दंश
जन-राष्ट्र का अहित करने लगा है
आदमी आदमी से
भयभीत रहने  लगा है
और ना हो जाए देर
मिलावट ना चौपट कर दे नस्ल
बजा दे दानव के खिलाफ बिगुल
क्योंकि मिलावट का जहर
जीवन भक्षक लगने लगा है ......नन्द लाल भारती
१४.०९.२०१२

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