Monday, March 14, 2011

आगे बढ़ो ....

आगे बढ़ो ...
दोस्तों ना डरो ,
डरने का वक्त नहीं
क्रांति का युग है
हिसाब -किताब
माँगने का युग है ।
बढ़ो तरक्की के लिए
जुल्म ना सहो
शदिया बीत गयी
तबियत हरी नहीं हुई ।
खून पीने वालो की
चौकठो पर चकाचौंध
अरबो-खरबों की उजास
तुम्हारे मेहनत
का परिहास ।
दरिद्रता मजाक
शोषण आज ।
विकास पसीना
अन्न आंसू से सींचा ।
कब तक शोषित रहोगे
कब पीड़ा कहोगे ।
वक्त है
उठ जाओ
जाति -धर्म से ऊपर
समानता -सद्भावना का
नारा करो बुलंद
कर लो
अधिकार का
हथियार
चाकचौबंद ।
कानून-संविधान
हक़ में तुम्हारे
जीने का हक़
बराबर
दे दो
अपने होने की
खबर .........
दोस्तों आगे बढ़ो
शोषितों-वंचितों
गरीब-मजदूरों
आगे बढ़ो
जुल्म ना सहो..............नन्दलाल भारती ..१४.०३.2011

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