बगिया के फूल सभी अच्छे
फलेफूले भरपूर महके
बसंत की लय
कोकिला की सुरताल
मुस्कराते रहो
गुलाब से लाल
सुखा कल हो तुम्हारा
तरक्की से तुम्हारी
विहस उठे जग सारा।
सुन्दर बगिया के फूल
तुम
फूल हो
अच्छी-अच्छे
दुआ आज
सलाम तुम्हारे
कल को
ये बच्चे .....नन्दलाल भारती २०.०७.२०१०
०००००
हर आँखों को
पढ़ा है
हमने ,
दास्तान नहीं
जानना चाहा
किसी ने ।
निगाहों को
पढ़कर
जो
बिज बोये है
टूटे अरमान
सच
हमने बहुत
रोये है ।नन्द लाल भारती २०.०७.२०१०
०००००
किस्मत
एक
कल्पना
तो है ,
परन्तु
आत्मिक
शांति
का मूलमंत्र
भी है ....नन्दलाल भारती २०.०७.२०१०
०००००
कर्म उचाईया
तो दे सकता है
बशर्ते
शोषण का
शिकार ना हो.....नन्दलाल भारती २०.०७.२०१०
Tuesday, July 20, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment