Saturday, July 3, 2010

नमन कर लो

नमन कर लो ॥
खौफज़दा कह रहे है
कौन है
वो ,
रोशनी पर
कारा पोत रहा है
जो ।
आवाज़ आती है
मंद सी ,
होगा कोई
अमन शांति का
विद्रोही
या
स्वार्थी फरेबी
कोई
या
कोई
उन्मादी अमानुष
आदमियत के माथे
गारा छोप रहा है
जो ।
आवाज़ पुनः
गूजती है ,
अरे अमन शांति
के दुश्मनों
विद्रोह से फूटेगी
चिंगारी जब
राख कर देगी
सारे वजूद तब
फरेब से खड़ी
इमारत को भी ।
त्याग दो
अमानवीय कृत्य
जमाने को सुखद
एहसास करा दो,
सच
हर लब पर होगा
एक स्वर
वो
कौन देवता है भारती
रोशन जहा
करने वाला
नमन कर लो.... नन्दलाल भारती.....०७.२०१०
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जीवन में सुखद उजास बाटते रहिये ,
ना जाने किस मोड़ पर सास साथ छोड़ दे ॥
नन्द लाल भारती ॥ ०३.०७.२०१०
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